अमुवा के डार, बांधे हवंव झूलना ।
चल संगी झुलबो, बांह जोरे ना ।। चल संगी झूलबो
मोर आंखी म तै, तोर आंखी म मै ।
आंखी म आंखी, मिलाबो हमन ना ।। चल संगी झूलबो
मोंगरा के फूल, सजाहंव बेनी तोर ।
तोर रूप मनोहर, बसाहंव दिल मा ना ।। चल संगी झूलबो
मया के चिन्हा, अंगरी म मुंदरी
आजाबे रे संगी, पहिराहंव तोला ना ।। चल संगी झूलबो
तै मोर राधा गोई, मै किसन बिलवा
मया के बसुरी, बजा हू मै ह ना । चल संगी झूलबो
मै तोर लोरिक गोई, तै मोर बर चंदा ।
जान के बाजी, मै हर लगा दूहू ना ।। चल संगी झूलबो
आनी बानी के सपना, संजोहव आंखी म ।
बिहा के तोला, ले जाहू अपन अंगना । चल संगी झूलबो
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- रमेशकुमार चौहान
नवागढ जिला बेमेतरा
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