गांव-गांव अब तो संगी होवत हे शहर ।
पक्की-पक्की घर-कुरिया पक्की हे डगर ।।
पक्की-पक्की घर-कुरिया पक्की हे डगर ।।
पारा-पारा आंगन-बाड़ी स्कूल गे हे सुधर ।
छोटे-बड़े नोनी-बाबू अब पढ़े हे हमर ।।
छोटे-बड़े नोनी-बाबू अब पढ़े हे हमर ।।
मोटर-गाड़ी गांव मा घला हवय अड़बड़ ।
नवा-नवा रद्दा-बाट मा नवा हे सफर ।।
नवा-नवा रद्दा-बाट मा नवा हे सफर ।।
हर हाथ मा मोबाइल दिखय सबो डहर
हेलो-हेलो सुनय-कहय देवत-लेवत खबर ।।
हेलो-हेलो सुनय-कहय देवत-लेवत खबर ।।
तोरी-मोरी लोग-बाग अब तो गे हें बिसर ।
अपन-अपन काम -बूता मा मगन हे चारो पहर ।।
अपन-अपन काम -बूता मा मगन हे चारो पहर ।।
गली-खोर अब अंजोर हे अब रतिहा पहर ।
घर-घर बिजली बरे अउ चले हे चवर ।।
घर-घर बिजली बरे अउ चले हे चवर ।।
आनी-बानी गाल मा पोते स्नो अउ पाउडर ।
टीप-टांप टुरी-टनकी गांव मा ढावत हे कहर ।।
टीप-टांप टुरी-टनकी गांव मा ढावत हे कहर ।।
-रमेश चौहान
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