लात परे जब पीठ मा, पीरा कमे जनाय ।
लात पेट मा जब परय, पीरा सहे न जाय ।।
काम बुता ले हे बने, पूरा घर परिवार ।
काम छुटे मा हे लगे, अपने तन हा भार ।।
लगे काम ला कोखरो, काबर तैं छोड़ाय ।
मारे बर तैं मार ले, अब कोने जीआय ।।
काम बुता के नाम हा, जीवन इहां कहाय ।
बिना काम के आदमी, जीयत मा मर जाय ।।
लात पेट मा जब परय, पीरा सहे न जाय ।।
काम बुता ले हे बने, पूरा घर परिवार ।
काम छुटे मा हे लगे, अपने तन हा भार ।।
लगे काम ला कोखरो, काबर तैं छोड़ाय ।
मारे बर तैं मार ले, अब कोने जीआय ।।
काम बुता के नाम हा, जीवन इहां कहाय ।
बिना काम के आदमी, जीयत मा मर जाय ।।
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