होथे जस दाई ददा, होवय मुखिया नेक ।
गांव राज्य या देश के, मुखिया मुखिया एक ।
मुखिया के हर काम के, एक लक्ष्य तो होय ।
रहय मातहत हा बने, कोनो झन तो रोय ।।
काम बुता मुखिया करय, जइसे भइसा ढोय ।
अपने घर परिवार बर, सुख के बीजा बोय ।।
घुरवा कस मुखिया बनय, सहय ओ सबो झेल ।
फेके डारे चीज के, करय कदर अउ मेल ।।
सोच समझ मुखिया बनव, गांव होय के देश ।
मुखिया मुॅंह कस होत हे, जेन मेटथे क्लेश ।।
गांव राज्य या देश के, मुखिया मुखिया एक ।
मुखिया के हर काम के, एक लक्ष्य तो होय ।
रहय मातहत हा बने, कोनो झन तो रोय ।।
काम बुता मुखिया करय, जइसे भइसा ढोय ।
अपने घर परिवार बर, सुख के बीजा बोय ।।
घुरवा कस मुखिया बनय, सहय ओ सबो झेल ।
फेके डारे चीज के, करय कदर अउ मेल ।।
सोच समझ मुखिया बनव, गांव होय के देश ।
मुखिया मुॅंह कस होत हे, जेन मेटथे क्लेश ।।
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