आज छेरछेरा परब, दे कोठी के धान ।
अन्न दान ले ना बड़े, जग मा कोनो दान ।
जय हो दानी तोर ओ, करे खूब तैं दान ।
आज छेरछेरा परब, राखे ऐखर मान ।
दान करे मा धन बढ़य, जइसे बाढ़े धान ।
देवत हम आशीष हन, बने रहव धनवान ।।
पायेंन बहुत दान हम, मालिक तोर दुवार ।
जीयव हजार साल तुम, आशीष लव हमार ।।
अन्न दान ले ना बड़े, जग मा कोनो दान ।
जय हो दानी तोर ओ, करे खूब तैं दान ।
आज छेरछेरा परब, राखे ऐखर मान ।
दान करे मा धन बढ़य, जइसे बाढ़े धान ।
देवत हम आशीष हन, बने रहव धनवान ।।
पायेंन बहुत दान हम, मालिक तोर दुवार ।
जीयव हजार साल तुम, आशीष लव हमार ।।
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