अइसन शिक्षा नीति हे, नम्बर के सब खेल ।
नम्बर जादा लाय के, झेले लइका झेल ।।
पढ़े लिखे ना ज्ञान बर, नम्बर के हे होड़ ।
अइसन सोच समाज के, बचपन लेवय तोड़ ।।
पढ़े लिखे के बोझ मा, लदकाये हे जवान ।
पढ़े लिखे के नाम मा, कतका देवय जान ।।
अव्वल आय के फेर मा, झेल सकय ना झेल ।
पढ़त पढ़त तो कई झन, करय मउत ले मेल ।।
पढईया लइका सुनव, करहू मत तुम भूल ।
नम्बर के ये फेर ला, देहूं झन तुम तूल ।।
नम्बर जादा लाय के, झेले लइका झेल ।।
पढ़े लिखे ना ज्ञान बर, नम्बर के हे होड़ ।
अइसन सोच समाज के, बचपन लेवय तोड़ ।।
पढ़े लिखे के बोझ मा, लदकाये हे जवान ।
पढ़े लिखे के नाम मा, कतका देवय जान ।।
अव्वल आय के फेर मा, झेल सकय ना झेल ।
पढ़त पढ़त तो कई झन, करय मउत ले मेल ।।
पढईया लइका सुनव, करहू मत तुम भूल ।
नम्बर के ये फेर ला, देहूं झन तुम तूल ।।
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