झांझ मंजिरा ढोलक बोले, बोले मांदर हा जयकार ।
जय हो जय हो मइया तोरे, संग भगत मन करे पुकार ।
गहद भरे तोरे फुलवरिया, जगमग जगमग चमकत जोत ।
जब लहराये जोत जंवारा, भगतन नाचे चारो कोत ।।
सेऊक गावय भगतन झूमय, ले लेके बाणा अउ साट ।
बइगा सेवा तोर बजावय, भेट करय वो नीबू काट ।
हे आदि शक्ति आदि भवानी, कहि भगतन जयकार लगाय ।
अपन मनौती मन मा राखे, तोर डेहरी माथ नमाय ।
दुख पीरा ला मोरे हर दौ, हर दौ देश गांव के पीर ।
कइसन राक्षस फेरे होगे, हमरे मन हा होत अधीर ।।
जय हो जय हो मइया तोरे, संग भगत मन करे पुकार ।
गहद भरे तोरे फुलवरिया, जगमग जगमग चमकत जोत ।
जब लहराये जोत जंवारा, भगतन नाचे चारो कोत ।।
सेऊक गावय भगतन झूमय, ले लेके बाणा अउ साट ।
बइगा सेवा तोर बजावय, भेट करय वो नीबू काट ।
हे आदि शक्ति आदि भवानी, कहि भगतन जयकार लगाय ।
अपन मनौती मन मा राखे, तोर डेहरी माथ नमाय ।
दुख पीरा ला मोरे हर दौ, हर दौ देश गांव के पीर ।
कइसन राक्षस फेरे होगे, हमरे मन हा होत अधीर ।।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें