पेट बर जीना । मौत रोजीना
पेट भर खाना । जी भर कमाना
पेट के चिंता । करथे मुनिंता
कहां ले पाबे । कइसे कमाबे
जब जनम पाये । दाई पियाये
दूध म अघाये । पिये बउराये
थोरकुन बाढ़े । अॅंगना म माढ़े
मुॅह ला जुठारे । दाई सवारे
खाई खजेना । हाथ भर लेना
ददा जब देथे । गोदी म लेथे
लइका कहाये । खेल म भुलाये
कई घा खाये । घूमत पहाये
कभू ना सोचे । पेट भर नोचे
काखर भरोसा । पांचे परोसा
आये जवानी । परे हैरानी
ददा अउ दाई । मांगे कमाई
काम ला खोजे । दिन रात रोजे
पर के सपेटा । खाये चपेटा
तभे तो जाने । सब ल पहिचाने
काम ले कोने । बड़े हे जोने
जब घर बसाये । स्वामी कहाये
दिन रात फेरे । जांगर ल पेरे
पेट के सेती । करे तैं खेती
परिवार पोशे । करम ना कोसे
बेरा पहागे । जांगर सिरागे
डोकरा खासे । छोकरा हासे
बहू अउ बेटा । लगय गरकेटा
पेट हे खाली । टूरा मवाली
मरे के पारी । लोटा न थारी
पेट के पूजा । करे ना दूजा
पेट भर खाना । जी भर कमाना
पेट के चिंता । करथे मुनिंता
कहां ले पाबे । कइसे कमाबे
जब जनम पाये । दाई पियाये
दूध म अघाये । पिये बउराये
थोरकुन बाढ़े । अॅंगना म माढ़े
मुॅह ला जुठारे । दाई सवारे
खाई खजेना । हाथ भर लेना
ददा जब देथे । गोदी म लेथे
लइका कहाये । खेल म भुलाये
कई घा खाये । घूमत पहाये
कभू ना सोचे । पेट भर नोचे
काखर भरोसा । पांचे परोसा
आये जवानी । परे हैरानी
ददा अउ दाई । मांगे कमाई
काम ला खोजे । दिन रात रोजे
पर के सपेटा । खाये चपेटा
तभे तो जाने । सब ल पहिचाने
काम ले कोने । बड़े हे जोने
जब घर बसाये । स्वामी कहाये
दिन रात फेरे । जांगर ल पेरे
पेट के सेती । करे तैं खेती
परिवार पोशे । करम ना कोसे
बेरा पहागे । जांगर सिरागे
डोकरा खासे । छोकरा हासे
बहू अउ बेटा । लगय गरकेटा
पेट हे खाली । टूरा मवाली
मरे के पारी । लोटा न थारी
पेट के पूजा । करे ना दूजा
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