का करबे आखर ला जान के
का करबे दुनिया पहिचान के ।
घर के पोथी धुर्रा खात हे,
पढ़थस तैं अंग्रेजीस्तान के ।
मिलथे शिक्षा ले संस्कार हा,
देखव हे का हिन्दूस्तान के ।
सपना देखे मिल जय नौकरी
चिंता छोड़े निज पहिचान के ।
पइसा के डारा मा तैं चढ़े
ले ना संदेशा खलिहान के
जाती-पाती हा आरक्षण बर
शादी बर देखे ना छान के ।
मुॅह मा आने अंतस आन हे
कोने जानय करतब ज्ञान के ।
का करबे दुनिया पहिचान के ।
घर के पोथी धुर्रा खात हे,
पढ़थस तैं अंग्रेजीस्तान के ।
मिलथे शिक्षा ले संस्कार हा,
देखव हे का हिन्दूस्तान के ।
सपना देखे मिल जय नौकरी
चिंता छोड़े निज पहिचान के ।
पइसा के डारा मा तैं चढ़े
ले ना संदेशा खलिहान के
जाती-पाती हा आरक्षण बर
शादी बर देखे ना छान के ।
मुॅह मा आने अंतस आन हे
कोने जानय करतब ज्ञान के ।
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