झेल घाम बरसात ला, चमड़ी होगे पोठ ।
नाती ले कहिथे बबा, मान सियानी गोठ ।।
चमक दमक ला देख के, बाबू झन तैं मात ।
चमक दमक धोखा हवय, मानव मोरे बात ।।
मान अपन संस्कार ला, मान अपन परिवार ।
झूठ लबारी छोड़ के, अपने अंतस झार ।।
मनखे अउ भगवान के, हवय एक ठन रीत ।
सबला तैं हर मोह ले, देके अपन पिरीत ।।
बाबू मोरे बात मा, देबे तैं हर ध्यान ।
सोच समझ के हे कहत, तोरे अपन सियान ।।
कहि दे छाती तान के, हम तोरे ले पोठ ।
चाहे कतको होय रे, कठिनाई हा रोठ ।।
नाती ले कहिथे बबा, मान सियानी गोठ ।।
चमक दमक ला देख के, बाबू झन तैं मात ।
चमक दमक धोखा हवय, मानव मोरे बात ।।
मान अपन संस्कार ला, मान अपन परिवार ।
झूठ लबारी छोड़ के, अपने अंतस झार ।।
मनखे अउ भगवान के, हवय एक ठन रीत ।
सबला तैं हर मोह ले, देके अपन पिरीत ।।
बाबू मोरे बात मा, देबे तैं हर ध्यान ।
सोच समझ के हे कहत, तोरे अपन सियान ।।
कहि दे छाती तान के, हम तोरे ले पोठ ।
चाहे कतको होय रे, कठिनाई हा रोठ ।।
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