राग द्वेष ला छोड़ दे, जेन नरक के राह ।
कोनो ला खुश देख के, मन मा मत भर आह ।।
त्याग प्रेम के हे परख, करव प्रेम मा त्याग ।
स्वार्थ मोह के रंग ले, रंगव मत अनुराग ।।
जनम जनम के पुण्य ले, पाये मनखे देह ।
करले ये जीवन सफल, मनखे ले कर नेह ।।
अमर होय ना देह हा, अमर हवे बस जीव ।
करे करम जब देह हा, होय तभे संजीव ।।
रोक छेक मन हा करय, पूरा करत मुराद ।
मजा मजा बस खोज के, करय बखत बरबाद ।।
कोनो ला खुश देख के, मन मा मत भर आह ।।
त्याग प्रेम के हे परख, करव प्रेम मा त्याग ।
स्वार्थ मोह के रंग ले, रंगव मत अनुराग ।।
जनम जनम के पुण्य ले, पाये मनखे देह ।
करले ये जीवन सफल, मनखे ले कर नेह ।।
अमर होय ना देह हा, अमर हवे बस जीव ।
करे करम जब देह हा, होय तभे संजीव ।।
रोक छेक मन हा करय, पूरा करत मुराद ।
मजा मजा बस खोज के, करय बखत बरबाद ।।
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