नंदलाल के लाल, यशोदा के ओ लाला ।
बासुरिया धुन छेड़, जगत मा घोरे हाला ।।
माखन मटकी फोर, डहर मा छेके ग्वाला ।
बइठ कदम के डार, बलावत हस तैे काला ।
ओ बंशी के तान, सुने बर मोहन प्यारे ।
जड़ चेतन सब जीव, अपन तन मन ला हारे ।।
सुन लव मोर पुकार, फेर ओ बंशी छेड़व ।
भरे देह मा पीर, देह ले कांटा हेरव ।।
बासुरिया धुन छेड़, जगत मा घोरे हाला ।।
माखन मटकी फोर, डहर मा छेके ग्वाला ।
बइठ कदम के डार, बलावत हस तैे काला ।
ओ बंशी के तान, सुने बर मोहन प्यारे ।
जड़ चेतन सब जीव, अपन तन मन ला हारे ।।
सुन लव मोर पुकार, फेर ओ बंशी छेड़व ।
भरे देह मा पीर, देह ले कांटा हेरव ।।
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