गीत कोयली
लीम करेला
कउवा बोली आमा
उत्ती के सुरूज, बुड़ती उवय
बुड़ती के सुरूज उत्ती बुड़य
मनखे नवा सोच ला पाये
शक्कर मा मिरचा ला गुड़य
होगे जुन्ना हा,
जहर महुरा
आये नवा जमाना
डिलवा डिलवा डबरा होगे
डबरा डबरा बिल्डिंग पोगे
कका बबा के संगे छोड़े
दाई ददा हा अलग होगे ।
माचिस काड़ी
छर्री-दर्री
समाही अब कामा
झूठ लबारी उज्जर दिखय
अंधरा मन इतिहास लिखय
अपन भाषा हा पर के लागय
पर के भाषा मनखे मन सीखय
खड़े पेड़ ला
टंगिया मा काटय
बोये नवा दाना
लीम करेला
कउवा बोली आमा
उत्ती के सुरूज, बुड़ती उवय
बुड़ती के सुरूज उत्ती बुड़य
मनखे नवा सोच ला पाये
शक्कर मा मिरचा ला गुड़य
होगे जुन्ना हा,
जहर महुरा
आये नवा जमाना
डिलवा डिलवा डबरा होगे
डबरा डबरा बिल्डिंग पोगे
कका बबा के संगे छोड़े
दाई ददा हा अलग होगे ।
माचिस काड़ी
छर्री-दर्री
समाही अब कामा
झूठ लबारी उज्जर दिखय
अंधरा मन इतिहास लिखय
अपन भाषा हा पर के लागय
पर के भाषा मनखे मन सीखय
खड़े पेड़ ला
टंगिया मा काटय
बोये नवा दाना
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