मुचुर-मुचुर जब हासय
ओ मोटीयारी
मया ल तो अनवासय
बिहनिया असन छाये
चुक लाली-लाली
सबके मन ला भाये
चिरई कस ओ चहकय
खोल अपन पांखी
मन बादर मा गमकय
फूल डोहड़ी फूले
झुमर-झुमर डारा
चारो-कोती झूले
अंतस मा मया धरे
आँखी गढियाये
बिन बोले गोठ करे
ओ मोटीयारी
मया ल तो अनवासय
बिहनिया असन छाये
चुक लाली-लाली
सबके मन ला भाये
चिरई कस ओ चहकय
खोल अपन पांखी
मन बादर मा गमकय
फूल डोहड़ी फूले
झुमर-झुमर डारा
चारो-कोती झूले
अंतस मा मया धरे
आँखी गढियाये
बिन बोले गोठ करे
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें