बबा पहर मा खोर गली हा, लागय कोला बारी ।
ददा पहर मा बइला गाड़ी, आवय हमर दुवारी, ।
नवा जमाना के काम नवा, नवा नवा घर कुरिया ।
नवा-नवा फेषन के आये, जुन्ना होगे फरिया ।।
सब पैठा रेंगान टूटगे, टूटगे हे ओरवाती ।
तभो गली के काबर अब तो, छोटे लागय छाती ।।
घर ओही हे पारा ओही, खोर गली ओही हे ।
गुदा-गुदा दिखय नही अब तो, बाचे बस गोही हे ।
मोर पहर के बात अलग हे, फटफटी न आवय ।
चोरी होगे खोर गली हा, पता न कोनो पावय ।।
ददा पहर मा बइला गाड़ी, आवय हमर दुवारी, ।
नवा जमाना के काम नवा, नवा नवा घर कुरिया ।
नवा-नवा फेषन के आये, जुन्ना होगे फरिया ।।
सब पैठा रेंगान टूटगे, टूटगे हे ओरवाती ।
तभो गली के काबर अब तो, छोटे लागय छाती ।।
घर ओही हे पारा ओही, खोर गली ओही हे ।
गुदा-गुदा दिखय नही अब तो, बाचे बस गोही हे ।
मोर पहर के बात अलग हे, फटफटी न आवय ।
चोरी होगे खोर गली हा, पता न कोनो पावय ।।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें