जय जय दाई नवागढ़ के, जय जय महामाय
करत हवँव गोहार दाई, सुन लेबे पुकार ।
एक आसरा तोर हावे, पूरा कर दुलार ।।
दुनिया वाले कहँव काला, मारत हवय लात ।
पइसा मा ये जगत हावे, जगत के ये बात ।।
लगे काम हा छूट गे हे, परय पेट म लात ।
बिना बुंता के एक पइसा, आवय नही हाथ ।।
काम बुता देवय न कोनो, देत हे दुत्कार ।
करत हवँव गोहार दाई, सुन लेबे पुकार ।
नान्हे-नान्हे मोर लइका, भरँव कइसे पेट ।
लइकामन हा करय रिबि-रिबि, करँव कइसे चेत ।।
मोर पाप ला क्षमा करदौं, क्षमा कर दौ श्राप ।
काम-बुता अब हाथ दे दौ, कहय लइका बाप ।।
काम-बुता अउ बिना पइसा, हवय जग बेकार ।
करत हवँव गोहार दाई, सुन लेबे पुकार ।
करत हवँव गोहार दाई, सुन लेबे पुकार ।
एक आसरा तोर हावे, पूरा कर दुलार ।।
करत हवँव गोहार दाई, सुन लेबे पुकार ।
एक आसरा तोर हावे, पूरा कर दुलार ।।
दुनिया वाले कहँव काला, मारत हवय लात ।
पइसा मा ये जगत हावे, जगत के ये बात ।।
लगे काम हा छूट गे हे, परय पेट म लात ।
बिना बुंता के एक पइसा, आवय नही हाथ ।।
काम बुता देवय न कोनो, देत हे दुत्कार ।
करत हवँव गोहार दाई, सुन लेबे पुकार ।
नान्हे-नान्हे मोर लइका, भरँव कइसे पेट ।
लइकामन हा करय रिबि-रिबि, करँव कइसे चेत ।।
मोर पाप ला क्षमा करदौं, क्षमा कर दौ श्राप ।
काम-बुता अब हाथ दे दौ, कहय लइका बाप ।।
काम-बुता अउ बिना पइसा, हवय जग बेकार ।
करत हवँव गोहार दाई, सुन लेबे पुकार ।
करत हवँव गोहार दाई, सुन लेबे पुकार ।
एक आसरा तोर हावे, पूरा कर दुलार ।।
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