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कतका झन देखे हें-

जीबो मरबो देश बर

एक कसम ले लव सबो, जीबो मरबो देश बर । करब देश हित काम सब, गढ़ब चरित हम देश बर ।। मरना ले जीना कठिन,  जी के हम तो देखबो । तिनका तिनका देश बर, चिरई असन सरेखबो ।। भरबो मरकी देश के, बूँद-बूँद पानी होय के । जुगुनू जस बरबो हमन, जात-पात अलहोय के ।। अपन गरब सब छोड़ के, गरब करब हम देश बर । एक कसम ले लव सबो देश धरम सबले बड़े, जेला पहिली मानबो । पाछू अल्ला राम ला,  हमन देवता जानबो ।। भाषा-बोली  के साज मा, गाबो एके तान  रे । दुनिया भर मा देश के, हमन बढ़ाबो शान रे ।। अपने घर परिवार कस, करब मया हम देश बर ।।एक कसम ले लव सबो बैरी हा काहीं करय, फसन नहीे हम चाल मा । सधे पाँव ले रेंगबो, अपन डगर हर हाल मा । बेजाकब्जा छोड़बो, छोड़ब भ्रष्टाचार ला । करब अपन कर्तव्य ला, चातर करब विचार ला । मिल जाही अधिकार हा, करम करब जब देश बर ।।एक कसम ले लव सबो

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