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कतका झन देखे हें-

हे काम पूजा

तैं बात सुन्ना । अउ बने गुन्ना जी भर कमाना । भर पेट खाना ये पूट पूजा । ना करे दूजा जीनगी जीबे । जब काम पीबे बिन काम जोही । का तोर होही हे पेट खाली । ना बजे ताली ये एक बीता । हे रोज रीता तैं भरे पाबे । जब तैं कमाबे परिवार ठाढ़े । अउ बुता बाढ़े ना हाथ पैसा । परिवार कैसा जब जनम पाये । दूधे अघाये जब गोड़ पाये । तब ददा लाये खाई खजेना । तैं हाथ लेना लइका कहाये । खेले भुलाये ना कभू सोचे । कुछु बात खोचे काखर भरोसा । पांचे परोसा आये जवानी । धरके कहानी अब काम खोजे । दिन रात रोजे पर के सपेटा । खाये चपेटा तैं तभे जाने । अउ बने माने संसार होथे । दुख दरद बोथे जब हाथ कामे । तब होय नामे तैं बुता पाये । दुनिया बसाये दिन रात फेरे । जांगर ल पेरे ये पेट सेती । तैं करे खेती प्रिवार पोसे । बिन भाग कोसे बस बुता कामे । कर हाथ ताने जब काम होथे । सब मया बोथे बेरा पहागे । जांगर सिरागे डोकरा खॉसे । छोकरा हॉसे

पेट के पूजा

पेट बर जीना । मौत रोजीना पेट भर खाना । जी भर कमाना पेट के चिंता । करथे मुनिंता कहां ले पाबे । कइसे कमाबे जब जनम पाये । दाई पियाये दूध म अघाये । पिये बउराये थोरकुन बाढ़े । अॅंगना म माढ़े मुॅह ला जुठारे ।  दाई सवारे खाई खजेना । हाथ भर लेना ददा जब देथे । गोदी म लेथे लइका कहाये । खेल म भुलाये कई घा खाये । घूमत पहाये कभू ना सोचे । पेट भर नोचे काखर भरोसा । पांचे परोसा आये जवानी । परे हैरानी ददा अउ दाई । मांगे कमाई काम ला खोजे । दिन रात रोजे पर के सपेटा । खाये चपेटा तभे तो जाने । सब ल पहिचाने काम ले कोने । बड़े हे जोने जब घर बसाये । स्वामी कहाये दिन रात फेरे । जांगर ल पेरे पेट के सेती । करे तैं खेती परिवार पोशे । करम ना कोसे बेरा पहागे । जांगर सिरागे डोकरा खासे । छोकरा हासे बहू अउ बेटा । लगय गरकेटा पेट हे खाली । टूरा मवाली मरे के पारी । लोटा न थारी पेट के पूजा । करे ना दूजा

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