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कतका झन देखे हें-

चलव जयंती मनाबो

चलव जयंती मनाबो, गुरू घासी दास के गुरू घासी दास के संगी गुरू घासी दास के घर कुरिया लिप पोत के, खोर अंगना सजाबो जैतखाम मा सादा झंड़ा, फेरे नवा चढाबो अउ चैका हम कराबो, गुरू घासी दास के गुरू घासी दास के संगी गुरू घासी दास के सादा सादा ओढ़ना पहिरे, सादगी ला बगराबो छांझ मांदर हाथ धरे, गुरू के जस ला गाबो अउ पंथी नाच देखाबो, गुरू घासी दास के गुरू घासी दास के संगी गुरू घासी दास के गुरू संदेशा मन मा धरे, सत के अलख जगाबो सत के रद्दा रद्दा रेंग रेंग, सतलोक मा जाबो सतनाम धजा फहराबो, गुरू घासी दास के गुरू घासी दास के ओ संगी गुरू घासी दास के

शक्ति हमला दे अतका

हे गुरू घासीदास, शक्ति हमला दे अतका । छोर सकी सब गांठ़, परे हे मन मा जतका ।। हे गुरू घासीदास, शक्ति हमला दे अतका । छोर सकी सब गांठ़, परे हे मन मा जतका ।। बैरी हे मन मोर, बइठ माथा भरमाथे । डगर झूठ के छांट, हाथ धर के रेंगाथे ।। अइसन करव उपाय, छूट जय ऐखर झटका । हे गुरू घासीदास, शक्ति हमला दे अतका ।। सत के रद्दा तोर, परे जस पटपर भुइया । कइसे रेंगंव एक, दिखे ना एको गुइया ।। परे असत के फेर, खात हन हम तो भटका । हे गुरू घासीदास, शक्ति हमला दे अतका ।। मन मंदिर मा तोर, एक मूरत दे अइसन । जिहां बसे हे झार, असत मन हा तो कइसन ।। मर जावय सब झूठ, पाय मूरत के रचका । हे गुरू घासीदास, शक्ति हमला दे अतका ।।

जय बोलव सतनाम के...

जय बोलव सतनाम के, जय जय जय सतनाम । जय हो घासीदास के, जय जय जय जतखाम ।। सतगुरू अउ सतनाम के, करथे जेने जाप । छूट जथे हर बात के, ओखर तो संताप ।। बाबा के सत मा बनय, बिगड़े तोरे काम । जय बोलव सतनाम के... जीवन मा भर सादगी, झूठ लबारी छोड । लोभ मोह के बंधना, तिनका जइसे तोड़ ।। बाबा के आदेश ला, धर के आठो याम । जय बोलव सतनाम के... केवल पूजा पाठ ले, होय नही उद़धार । सत के रद्दा रेंग के, अपने करम सुधार ।। एक करम तो सार हे, करत रहव सत काम । जय बोलव सतनाम के...

दुनिया मा सतनाम कहाय

लहर लहर सादा झण्ड़ा हा, जैत खाम मा लहराय । हवे सत्य शाश्वत दुनिया मा, दे संदेशा जग बगराय ।। महानदी के पावन तट मा, गिरौदपुरी घाते सुहाय । जिहां बसे महंगु अमरौतिन, सुख मा जीवन अपन बिताय । सतरा सौ छप्पन के बेरा, अठ्ठारा दिसम्बरे भाय। निरधन महंगु के कुरिया मा, सत हा मनखे तन धर आय । चारो कोती मंगल होवय, लोगन मांदर ढोल बजाय । चिरई चिरगुन सब जंगल के, फूदक फूदक खुशी मनाय ।। लइका के मुॅह देख देख के, अपने सुध-बुध सब बिसरत जाय जेने देखय तेने जानय,  मुॅह मा कुछु बोली ना आय । अमरौतिन दाई के कोरा, बालक मंद मंद मुस्काय । ऐही लइका आघू चल के, गुरूजी घासी दास कहाय ।। सोनाखान तीर जंगल मा, घासी हा सत खोजय जाय । खोजत खोजत फेर एक दिन, छाता परवत ऊपर आय।। जिहां बबा बइठे जब आसन, घाते के समाधी लगाय । सत के संग मिले सत हा जब, सत सत सब एके हो जाय ।। सत के जयकारा फेर गुंजे, दुनिया मा सतनाम कहाय । मनखे मनखे सब एक कहे, सात बचन गुरू देत बताय । सत्य धरव सब अंतस भीतर, मारव मत कोनो जीव । मांस मटन खावव मत कोनो, जीव जीव हा होथे सीव ।। चोरी हारी ले दूर रहव, छोड़ जुआ चित्ती के खेल । नशा नाश क

सत्य नाम साहेब

 । कज्जल छंद । बोल सत्य नाम साहेब । सत्य सत्य नाम साहेब देख सत्य नाम साहेब । सत्य सत्य नाम साहेब । दोहा । चलव चलव गुरू के शरण, छोड़ अपन सब एब । एक बार जुरमिल कहव, सत्य नाम साहेब ।।  ।। चौपाई ।। सत के रद्दा, अगम गहिर हे । अगम गहिर हे.. चलय डगर, जेने फकीर हे ।। जेने फकीर हे... पटपर भुंइया, मन भरमावय । मन भरमावय साहेब मन भरमावय. गुरू बिन कोने, पार लगावय । पार लगावय साहेब पार लगावय. । दोहा । जीवन के सब भार ला, गुरू चरणे मा देब । हाथ जोड़ के बोलबो, सत्य नाम साहेब ।।  ।। चौपाई ।। तोर चरण मा, माथ नवाय हन । माथ नवाय हन. तोर दया ले, सब सुख पाये हन । सब सुख पाये हन. मनखे मनखे, एक बताये । एक बताये साहेब एक बताये. रंग खून के, एक दिखाये । एक दिखाये साहेब एक दिखाये । दोहा । घट घट मा भगवान हे, दरस परस कर लेब । कण-कण मा तैं देख ले, सत्य नाम साहेब ।। ।। चौपाई ।। पथ भटके ला, पथ देखाये । पथ देखाये.. जीव जीव ला, एक बताये । एक बताये ... सत के सादा, धजा बनाये । धजा बनाये साहेब धजा बनाये जैत खाम मा, तैं फहराये ।। तैं फहराये साहेब

गुरू घासी दास बबा

गुरु घासी दास बाबा,  सत के  अलख जगायें ये धाम म  । सत के अलख जगायें ये धाम म ...2 सादा तोर खम्भा बाबा, सादा तोर धजा , सादा तोर धजा बाबा, सादा तोर धजा, सत के धजा फहरायें ये धाम म । मनखे मनखे एक होथे, मनखे ल बतायें मनखे ल बतायें बाबा, मनखे ल बतायें मनखे  मन के छुवाछूत ल मिटायें ये धाम म ।

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