चित्र गुगल से साभार लुहुर-तुहुर मन तरसे सावन के बदरी झिमिर-झिमिर जब बरसे सपना मोला भाथे खुल्ला आँखी जब मुहरन तोर समाथे खोले मन के पाँखी सपना के बादर खोजय तोला आँखी चलय देह मा स्वासा मन मा जबतक हे तोर मिलन के आसा जोहत तोर अगोरा आँखी पथरागे तोर मया के बोरा तोर बिना रे जोही जीवन नइया के कोन जनी का होही
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
1 माह पहले