सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मोहिनी छंद लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कतका झन देखे हें-

देवनागरी मा लिखव

जनम भूमि अउ जननी, सरग जइसे । जननी भाखा-बोली, नरक कइसे ।। छत्तीसगढ़ी हिन्दी, लाज मरथे । जब अंग्रेजी भाखा, मुड़ी चढ़थे ।। देवनागरी लिपि के, मान कर लौ । तज के रोमन झांसा, मया भर लौ ।। कबतक सहत गुलामी, हमन रहिबो । कबतक दूसर भाखा, हमन कहिबो ।। देवनागरी मा लिख, हिम्मत करे । कठिन कहत रे येला, दिल नइ जरे ।। दुनिया देवय झासा, कठिन कहिके । तहूँ मगन हस येमा, मुड़ी सहिके ।। -रमेश चौहान

मोर दूसर ब्लॉग