--मंजुतिलका छंद-- जागव जागव हिन्दू, रहव न उदास । देश हवय तुहरे ले, करव विश्वास ।। जतन देश के करना, धर्म हे नेक । ऊँच नीच ला छोड़व, रहव सब एक ।। अलग अपन ला काबर, करत हस आज । झेल सबो के सहिबो, तब ना समाज ।। काली के ओ गलती, लेबो सुधार । जोत एकता के धर, छोड़व उधार ।। --अरूण छंद-- देश बर, काम कर, छोड़ अभिमान ला । जात के, पात के, मेट अपमान ला ।। एक हो, नेक हो, गलती सुधार के । मिल गला, कर भला, गलती बिसार के ।। ऊँच के, नीच के, आखर उखाड़ दौ । हाथ दौ, साथ दौं, परती उजाड़ दौ ।। हाथ के, गोड़ के, मेल ले देह हे । ऐहु मा, ओहु मा, बने जब नेह हे ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
1 माह पहले