बेटा मोरे बात सुन, खोल अपन तै कान । दौलत पाछू भाग झन, दौलत बड़े इमान । दौलत बड़े इमान, शांति सुख तन मन भरथे । मनखे ल कहय कोन, खुदा ला बस मा करथे ।। कर मत बिगड़े काम, परे कोखरो सपेटा । दु पइसा के लोभ, पेर ही तोला बेटा ।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
2 माह पहले