कनिहा डोले तोर ओ, जइसे पीपर पान । जिंस पेंट तोला फभत, जइसे कंसा धान ।। जइसे कंसा धान, पियर काया तोरे हे । मुॅहरंगी हा तोर, सुरूज ला मुॅह मा बोरे हे ।। तोर तन के रूआब, लगय मोला जस धनिया । दिल गे मोरे हार, देख के तोरे कनिहा ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
2 माह पहले