माटी हमरे गांव के, महर महर ममहाय । चंदन ले आगर लगय, माथा देव चढ़ाय ।। दाई के कोरा असन, माटी हवय महान । अपन गांव के ये मया, मिलय न कहूं जहान उपजे बाढे हन जिहां, धुररा देह लगाय । माटी हमरे गांव के...... खेेले कूदे हन जिहां, आनी बानी खेल । संगी संगी हम रहन, करके सबले मेल ।। नरवा तरिया के मया, हमला रहय लुभाय ।। माटी हमरे गांव के...... चांव चांव चिरई करय, अपने पाखी खोल । हरियर हरियर खार मा, मनुवा नाचय डोल ।। अमराई बोइर झरी, अपने तीर बलाय।। माटी हमरे गांव के...... कहां मोर लइका हवय, कइसन ओखर हाल । कइसे ओ बिसराय हे, मोर हाल बेहाल ।। गांव तोर सुरता करय, आंखी आंसु ढराय । माटी हमरे गांव के...