नदिया छेके नरवा छेके, छेके हस गउठान । पानी पानी अब चिहरत हस, सुनय कहां भगवान ।। डहर गली अउ परिया छेके, छेके सड़क कछार । कुँवा बावली तरिया पाटे, पाटे नरवा पार ।। ऊँचा-ऊँचा महल बना के, मारत हवस शान । पानी पानी अब चिहरत हस, सुनय कहां भगवान ।। रूखवा काटे जंगल काटे, काटे हवस पहाड़ । अपन सुवारथ सब काम करे, धरती करे कबाड़ ।। बारी-बखरी धनहा बेचे, खोले हवस दुकान । पानी पानी अब चिहरत हस, सुनय कहां भगवान ।। गिट्टी पथरा अँगना रोपे, रोपे हस टाइल्स । धरती के पानी ला रोके, मारत हस स्टाइल्स ।। बोर खने हस बड़का-बड़का, पाबो कहिके मान । पानी पानी अब चिहरत हस, सुनय कहां भगवान ।।