मया (भुजंगप्रयात छंद, अतुकांत) कहां देह के थोरको मोल होथे । मया के बिना देह हाड़ा निगोड़ा ।। मया के मया ले मया देह होगे । मया साँस मोरे मया प्राण मोरे ।। करे हे मया हा मया मा मया रे । मया के मया मा महूँ हा मया गा ।। मया ला मया ले करे मैं निहोरा । मया धार ड़ोंगा मया ड़ोंगहारे ।। मया मोर बोली मया मोर हाँसी । मया भूख मोरे मया प्यास मोरे ।। मया भूख के तो मया हा चबेना । पियासे मया के मया मोर पानी ।। मया मोर आँखी मया मोर काने । मया हाथ मोरे मया गोड़ मोरे ।। मया साँस मोरे मया हे करेजा । मया जिंदगानी मया मुक्ति रद्दा ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
-
मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
2 माह पहले