फागुन फगुआ फाग के, रास रचे हे राग । महर-महर ममहाय हे, बगर-बगर के बाग ।। बगर-बगर के बाग, बलावय बसंत राजा । जाग जुड़ावत जाड़ हे, घमावत घमहा बाजा ।। राचय रास रमेश, संग मा संगी सगुआ । सरसो परसा फूल, लजावय फागुन फगुआ ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
2 माह पहले