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कतका झन देखे हें-

बसदेवा गीत- देखव कतका जनता रोठ

 बसदेवा गीत-देखव कतका जनता रोठ  (चौपई छंद) फोटो Youtube.com से सौजन्‍य सुनव सुनव गा संगी मोर ।  जेला देखव तेने चोर नेता अउ जनता के गोठ । काला कहि हे दूनों पोठ नेता रहिथे केवल चार । जनता होथे लाख हजार खेत बेच के लड़े चुनाव ।  पइसा बांटे गॉंवों गॉंव ओखर पइसा झोकय कोन । जनता बइठे काबर मोन दारू बोकरा कोने खाय । काला फोकेट ह बड़ भाय देवइया भर कइसे चोर । झोकइया के मंसा टोर देही तेन ह लेही काल । झोकइया के जीजंजाल नेता जनता के हे जाय । ओखर गोठ कोन सिरजाय जब जनता म आही सुधार । मिटजाही सब भ्रष्‍टाचार नेता के छोड़व अब गोठ । देखव कतका जनता रोठ जनतामन के करथन बात । ऊँखर मन मा का  जज्‍बात बीता-बीता ठउर सकेल । गली-खोर मा घर ला मेल खेत तीर के परिया जोत । नदिया-नरवा सब ल रपोट फोकट के पाये बर जेन । झूठ लबारी मारय तेन सरकारी चाउर झोकाय । दू के सोलह ओ ह बनाय नाम गरीबी रेखा देख । बड़हर मन के नाम सरेख सबले ऊँपर ओखर नाम । होथे पहिली ऊँखर काम आघू रहिथे बड़हर चार । पाछू बइठे हे हकदार मरगे नैतिकता के बात । जइसे होगे दिन मा रात काखर-काखर गोठ बतॉंव । काखर-काखर गारी खॉव दिखय न ओला अपने काम । लेथे ओ हर दूसर के नाम

कहस अपन ला मनखे तैं हा

तोर करेजा पथरा होगे । जागे जागे कइसे सोगे । आँखी आघू कुहरा छागे अपन सुवारथ आघू आगे कहस अपन ला मनखे तैं हा तोरे सेती दूसर भोगे । बेजा कब्जा घात करे हस जगह जगह मा मात करे हस खोर-गली अउ तरिया परिया जेती देखव एके रोगे । पर के बांटा अपने माने फोकट बर तैं पसर ल ताने एको लाज न तोला आवय ये गौटिया भिखारी होगे ।

तीजा

करू करेला तैं हर रांध । रहिबो तीजा पेट ल बांध तीजा मा निरजला उपास । नारीमन के हे विश्वास छत्तीसगढ़ी ये संस्कार । बांधय हमला मया दुलार धरके श्रद्धा अउ विश्वास । दाई माई रहय उपास सीता के हे जइसे राम । लक्ष्मी के हे जइसे श्याम गौरी जइसे भोला तोर । रहय जियर-जाँवर हा मोर अमर रहय हमरे अहिवात । राखव गौरी हमरे बात मांघमोति हा चमकय माथ । खनकय चूरी मोरे हाथ नारी बर हे पति भगवान । मांगत हँव ओखर बर दान काम बुता ला ओखर साज । रख दे गौरी हमरे लाज

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