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दिसंबर, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कतका झन देखे हें-

गुरू घासी दास बबा

गुरु घासी दास बाबा,  सत के  अलख जगायें ये धाम म  । सत के अलख जगायें ये धाम म ...2 सादा तोर खम्भा बाबा, सादा तोर धजा , सादा तोर धजा बाबा, सादा तोर धजा, सत के धजा फहरायें ये धाम म । मनखे मनखे एक होथे, मनखे ल बतायें मनखे ल बतायें बाबा, मनखे ल बतायें मनखे  मन के छुवाछूत ल मिटायें ये धाम म ।

अब मान जा ना रे जोही

रतिहा के गुसीआएं, अब ले बोलत नई अस । अब मान जा ना रे जोही, मोर जीयरा जरय। अब मान जा... कोयली कस बोली, तोर हसी अऊ ठिठोली, सुने बर रे पिरोहील, मोर मनुवा तरसय । अब मान जा... चंदा बरन तोर रूप, राहू कस गुस्सा घूप, लगाय हे रे ग्रहण, अंधियार अस लागय । अब मान जा... तोर गोरी गोरी गाल, गुस्सा म होगे ह लाल, तोर गुस्सा  ह रे बैरी, आगी कस बरय । अब मान जा... होही गलती मोर, मै कान धरव तोर मया बर रे संगी, मै घेरी घेरी मरव । अब मान जा... ............................... .रमेश

हे महामाई

हे महामाई दया कर, हम नवावन माथ ला । भक्त सब जष तोर गावन, छोड़ बे झन मां साथ ला । तोर सीवा मोर दाई, कोन हे साथी भला । जांच जग ला देख डरे हन, स्वार्थ मा भूले भला ।

मोर दूसर ब्लॉग