हिन्दू ला हिन्दू होय म, आवत हवय लाज । हिन्दू के बैरी हिन्दू, काबर हवय आज ।। सबो धरम दुनिया मा हे, कोनो करे न बैर । हिन्द ह हिन्दू के नो हय, कोन मनाय खैर ।। सबो धरम हा इहां बढ़य, हमला न विद्वेश । हमर मान ला रउन्द मत, आय हमरो देश ।। हिन्दू कहब पाप लागय, अइसन हे समाज । दुनिया भर घूमत रहिके, नई बाचय लाज ।।
एक लघु आलेख:अब युद्ध क्यों होते हैं? – डॉ. अर्जुन दूबे
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त्रेता युग में रचा गया राम-रावण युद्ध भारतीय इतिहास की उस पहली महान कथा का
रूप ले चुका है, जिसमें धर्म और अधर्म के बीच की रेखा स्पष्ट खींच दी…
1 हफ़्ते पहले