छोड़ दारु के फेशन, हे बड़ नुकसान । फेशन के चक्कर मा, हस तैं अनजान ।। नशा नाश के जड़ हे, तन मन ला खाय । कोन नई जानय ये, हे सब भरमाय ।। दारु नशा ले जादा, फेशन हे आज । पढ़े-लिखे अनपढ़ बन, करथे ये काज।। कोन धनी अउ निर्धन, सब एके हाल । मनखे-मनखे चलथे, दरुहा के चाल ।। नीत-रीत देखे मा, दोषी सरकार । चाल-चलन मनखे के, रखय न दरकार ।। -रमेश चौहान
Kanwar Yatra: Cultural and Regional Variations Across India
-
1. Introduction The Kanwar Yatra is a significant Hindu pilgrimage that
takes place annually during the month of Saavan, dedicated to Lord Shiva.
Millions ...
1 दिन पहले