//उद्धत दंडक// जय राम रमा पति, कर विमल हमर मति, प्रभु बन जावय गति, जगत कर्म प्रधान । सतकर्म करी हम, जब तलक रहय दम, अइसन दौ दम-खम, जगत पति भगवान ।। जग के तैं पालक, भगतन उद्धारक, कण-कण के कारक, धरम-करम सुजान । प्रभु तोर सिखावन, हम सब अपनावन, मन ला कर पावन, अपन चरित बनान ।। -रमेश चौहान
सुवा गीत-डाॅ. विनोद कुमार वर्मा
-
डाॅ विनोद कुमार वर्मा एक व्याकरणविद्,कहानीकार, समीक्षक हैं । आपको छत्तीसगढ़
शासन ने लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार 2025- राज्य अलंकरण से विभूषित किया
है । ...
1 हफ़्ते पहले