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कतका झन देखे हें-

तीजा तिहार

तीजा तीज तिहार मा, मांगे हें अहिवात । दिन भर रहे उपास अउ, जागे वो हा रात । जागे वो हा रात, खुशी पति के हे मांगे । पत्नी के ये काम, जगत मा ऊंपर टांगे । सुनलव कहे "रमेश", ठेठरी धर छोड़व पीजा । अपन ह अपने होय, कहत हे हमरे तीजा ।।

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