हिन्दी छत्तीसगढ़ी भाखा, अंतस गोमुख के गंगा । छलछल-छलछल पावन धारा, तन मन ला राखे चंगा ।। फेशन बैरी छाती छेदय, मिलावटी बिख ला घोरे । चुटुर-पुटुर अंग्रेजी आखर, पावन धारा मा बोरे ।।
Protected: जरथुश्त्र: ईरान के महान् पैगम्बर और मज़द-उपासना के प्रवर्तक
-
There is no excerpt because this is a protected post.
2 हफ़्ते पहले