हिन्दी छत्तीसगढ़ी भाखा, अंतस गोमुख के गंगा । छलछल-छलछल पावन धारा, तन मन ला राखे चंगा ।। फेशन बैरी छाती छेदय, मिलावटी बिख ला घोरे । चुटुर-पुटुर अंग्रेजी आखर, पावन धारा मा बोरे ।।
व्यंग्य:कायेको झगड़ा भैया,करो सबसे प्रीत रे-विनोद नायक
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॥ कायेको झगड़ा भैया,करो सबसे प्रीत रे ॥ झगड़ा हो तो उसकी जड़ भी हो वरना
बिना जड़ के झगड़े ऐसे होते जैसे बिना मतलब के कुत्ते के मुँह में डण्डी
चलाना। जब डण्...
3 दिन पहले