जाके बेटा खेत डहर, कांटा ला सकेल । आवत हावे मानसून, खातू ला ढकेल ।। बोना हावय धान-पान, खेत-खार निढाल । बीज-भात ला साफ करत, नांगर ला निकाल ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
-
मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
2 माह पहले