'रमेश चौहान के छत्तीसगढ़ी कविता' छंदकार रमेशकुमार सिंह चौहान का छत्तीसगढ़ी कविताओं का एंक संग्रह है जहां मुख्य रूप आप छंदबद्ध रचना देख सकते हैं विभिन्न प्रकार के मात्रिक और वार्णिक छंदों में यहां रचनाएं उपलब्ध है, इसके अतिरिक्त गजल, हाइकू, तुकांत कविता, नई कविता, अतुकांत कविता, नवगीत आदि अनेक विधाओं में यहां छत्तीसगढ़ी कविताएं देखी जा सकती है ।
तुलसी चौरा अंगना, पीपर तरिया पार । लहर लहर खेती करय, अइसन गांव हमार ।। गोबर खातू डार ले, खेती होही पोठ । लइका बच्चा मन घला, करही तोरे गोठ ।। गउचर परिया छोड़ दे, खड़े रहन दे पेड़ । चारा चरही ससन भर, गाय पठरू अउ भेड़ ।। गली खोर अउ अंगना, राखव लीप बहार । रहिही चंगा देह हा, होय नही बीमार ।। मोटर गाड़ी के धुॅंवा, करय हाल बेहाल । रूख राई मन हे कहां, जंगल हे बदहाल ।। -रमेश चौहान
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