धरे उदासी बोलय जमुना घाट । कती हवय अब छलिया तोरे बाट ।। नाग कालिया कई-कई ठन आज । मोरे पानी मा करत हवय राज ।। कहां लुका गे बासुरीवाला मोर । कहां लुका गे तैं मोहन चितचोर ।। घाट घठौंदा मोर भटत हे जात । काबर अब तैं इहां नई तो आत ।।
एक लघु आलेख:अब युद्ध क्यों होते हैं? – डॉ. अर्जुन दूबे
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त्रेता युग में रचा गया राम-रावण युद्ध भारतीय इतिहास की उस पहली महान कथा का
रूप ले चुका है, जिसमें धर्म और अधर्म के बीच की रेखा स्पष्ट खींच दी…
1 हफ़्ते पहले