दुई ढंग ले, होथे जग मा, काम-बुता । हाथ-गोड़ ले, अउ माथा ले, मिले कुता ।। माथा चलथे, बइठे-बइठे, जेभ भरे । हाथ-गोड़ हा, देह-पान ला, स्वस्थ करे ।। दूनों मिल के, मनखे ला तो, पोठ करे । काया बनही, माया मिलही, गोड़ धरे । बइठइया मन, जांगर पेरव, एक घड़ी । जांगर वाले, धरव बुद्वि ला, जोड़ कड़ी ।।
पानी के दांत जामे हे चाब दिही मोला वो
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ये वो दाई सुन तो बताथंव एक ठिन गोठ वोभोभली पानी के घलो जाम गेहे दांत वोते ह
असनांदे बर झन कहिबे मोलापानी के दांत जामे हे चाब दिही मोला वो..हु हु हु हु
करत ...
3 दिन पहले