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कतका झन देखे हें-

मया करले

म या करले (सुगती छंद) मया करले । मन म भरले तोर हॅव मैं । मोर हस तैं तोर हॅसना । मोर फॅसना मोर हॅसना । तोर फॅसना करे बइहा । मया दइहा अलग रहिबे । दुख ल सहिबे संग रहिबो । सब ल सहिबो हमन तनके । रहब मनके आव अॅगना । पहिर कॅंगना नाम धरके । मांघ भरके -रमेश चौहान

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