छाती ठोक के, मांग करव अब, काम के अधिकार । हर हाथ मा तो, काम होवय, रहब न हम लचार ।। हर काम के तो, दाम चाही, नई लन खैरात । हो दाम अतका, पेट भर के, मिलय हमला भात ।। खुद गुदा खाथे, देत हमला, फोकला ला फेक । सरकार या, कंपनी हा, कहां कोने नेक ।। अब काम के अउ, दाम के तो, मिलय गा अधिकार । कानून गढ़ दौ, एक अइसन, देश के सरकार ।।
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आस्था और संस्कृति का महासंगम
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प्रयागराज, जिसे त्रिवेणी संगम के लिए जाना जाता है, इस वर्ष महाकुंभ के पावन
अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं, साधु-संतों और पर्यटकों का स्वागत कर रहा है।
महाकुंभ क...
2 हफ़्ते पहले