कुची हथौड़ा के किस्सा । मनखे मन के हे हिस्सा हथौड़ा ह ताकत जोरय । कुचर-कुचर तारा टोरय । अतकी जड़ कुची ह रहिथे । मया म तारा ले कहिथे मया मोर अंतस धर ले । अपने कोरा मा भर ले जब तारा-चाबी मिलथे । मया म तारा हा खुलथे एक ह जोड़े ला जानय । दूसर टोरे मा मानय लहर-लहर झाड़ी डोले । जब आंधी हा मुँह खोले रूखवा ठाड़े गिर परथे । अकड़न-जकड़न हा मरथे
छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह आपरेशन एक्के घॉंव भाग-2
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छ्त्तीसगढ़िया के धियान रखैया छत्तीसगढ़िया के धियान रखैया, किसान राज चलैया।
मोर छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता के,नवा सुरुज उगैया।। हमर बर तो एकर पहिली,
रिहिस रा...
2 हफ़्ते पहले