काम चाही काम चाही, काम चाही काम । काम बिन बेकार हन हम, देह हे बस नाम ।। वाह रे सरकार तैं हा, तोर कइसन काम । काम छोड़े बांट सबकुछ, फोकटे के नाम ।। -रमेश चौहान
छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह आपरेशन एक्के घॉंव भाग-2
-
छ्त्तीसगढ़िया के धियान रखैया छत्तीसगढ़िया के धियान रखैया, किसान राज चलैया।
मोर छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता के,नवा सुरुज उगैया।। हमर बर तो एकर पहिली,
रिहिस रा...
2 हफ़्ते पहले