//उड़ियाना-पद// लगही-लगही तब तो, गाँव हमर बढ़िया कान धरव ध्यान धरव, गोठ-बात मने भरव रखव-रखव साफ रखव, गाँव-गाँव तरिया ।। पानी के स्रोत रखव, माटी ला पोठ रखव जइसे के रखे रहिस, नंदलाल करिया ।। गाँव-गली चातर कर, लोभ-मोह ला झन धर बेजा कब्जा छोड़व, गाँव खार परिया ।। माथा ‘रमेश‘ हा धर, कहय दया अब तो कर गाय गरूवा बर दौ, थोड़-बहुत चरिया ।।
धार्मिक एवं सांस्कृतिक सनातनी भारत – मेरे दृष्टिकोण से– डॉ. अर्जुन दुबे
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हमारे प्राचीन धर्म ग्रंथों में 51 शक्तिपीठों और द्वादश ज्योतिर्लिंगों का
उल्लेख मिलता है। हिन्दू श्रद्धालु पीढ़ियों से इन स्थलों के दर्शनार्थ जाते
रहे हैं,...
4 दिन पहले