अमृतध्वनि-कुण्डलियां कतका दुकला हे परे, दुल्हा मन के आज । पढ़े लिखे बाबू खिरत, आवत मोला लाज ।। आवत मोला, लाज बहुत हे, आज बतावत । दस नोनी मा, एके बाबू, पढ़ इतरावत ।। बाबू मन हा, पढ़...
एक लघु आलेख:अब युद्ध क्यों होते हैं? – डॉ. अर्जुन दूबे
-
त्रेता युग में रचा गया राम-रावण युद्ध भारतीय इतिहास की उस पहली महान कथा का
रूप ले चुका है, जिसमें धर्म और अधर्म के बीच की रेखा स्पष्ट खींच दी…
5 दिन पहले