कहां देवता हे इहां कोन जाने । न जाने दिखे ओ ह कोने प्रकारे ।। इहां देवता हा करे का बुता हे । सबो प्रश्न के तो जवाबे ददा हे ।। ददा मोरे ब्रम्हा देह मोरे बनाये । मुँहे डार कौरा ददा बिष्णु मोरे ।। शिवे होय के दोष ला मोर मांजे । ददा हा धरा के त्रिदेवा कहाये ।। कभू देख पाये न आँसू ल मोरे । मने मोर चाहे जऊने ददा दै ।। खुदे के मने ला ददा हा दबाये । जिये हे मरे हे ददा मोर सेती ।। भरे हाथ कोरा दिने रात मोला । खुदे संग खवाये धरे हाथ कौरा ।। खुदे पीठ चढ़ाये ददा होय घोड़ा । धरे हाथ संगी बने हे ददा हा ।।
छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह आपरेशन एक्के घॉंव भाग-2
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छ्त्तीसगढ़िया के धियान रखैया छत्तीसगढ़िया के धियान रखैया, किसान राज चलैया।
मोर छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता के,नवा सुरुज उगैया।। हमर बर तो एकर पहिली,
रिहिस रा...
2 हफ़्ते पहले