कती जाई कती पाई, खुशी के ओ ठिकाना ला । कती खोजी गँवाये ओ, हँसे के रे बहाना ला ।। फिकर संसो जिये के अब, नदागे लइकुसी बेरा । बुता खोजी हँसी खोजी, चलय कइसे नवा डेरा ।।
Protected: जरथुश्त्र: ईरान के महान् पैगम्बर और मज़द-उपासना के प्रवर्तक
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6 दिन पहले