जस चश्मा के रंग होय । तइसे मनखे दंग होय भाटा कइसे हवय लाल । पड़े सोच मा खेमलाल चश्मा ला मन मा चढ़ाय । जग ला देखय हड़बड़ाय करिया करिया हवय झार । ओ हा कहय मन ला मार अपन सोच ले दुनिया देख । मनखे जग के करे लेख तोर मोर हे एक रंग । कहिथे जब तक रहय संग दुनिया हा तो हवय एक । दिखथे घिनहा कभू नेक दुनिया के हे अपन हाल । तोरे मन के अपन चाल दस अँगरी हे तोर हाथ । छोटे बड़े हवे एक साथ मुठ्ठी बनके रहय संग । काबर होथव तुमन तंग
छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह आपरेशन एक्के घॉंव भाग-2
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छ्त्तीसगढ़िया के धियान रखैया छत्तीसगढ़िया के धियान रखैया, किसान राज चलैया।
मोर छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता के,नवा सुरुज उगैया।। हमर बर तो एकर पहिली,
रिहिस रा...
2 हफ़्ते पहले