जतेक हे अलगाववादी, देश अउ कश्मीर मा । सबो ल पोषत कोन हे गा, सोच तो तैं धीर मा । हमार ले तो टेक्स लेके, पेट ओखर बोजथे । नकाम सब सरकार लगथे, जेन ओला तो पोषथे ।।
जनसंवेदना और हौसले का कवि – भगवती लाल सेन-डुमन लाल ध्रुव
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छत्तीसगढ़ की धरती ने अनेक साहित्यकारों को जन्म दिया जिन्होंने अपनी लेखनी से
जनमानस को न सिर्फ स्वर दिया बल्कि उनके संघर्षों को भी साहित्य के पन्नों पर
अमर ...
18 घंटे पहले