कभू आय कभू तो जाय, सुख बादर जेन कहाये। सदा रहय नहीं गा साथ, दुख जतका घाम जनाये ।। बने हवय इहां दिन रात, संघरा कहां टिक पाये । बड़े होय भले ओ रात, दिन पक्का फेर सुहाये ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले